टूण्डला फिरोज़ाबाद जिले का पुराना रेलवे शहर है। रेलवे लाइन यहां १९वीं सदी के उत्तरार्ध में बनी होगी। तब की इमारतें, वस्तुयें यहां उपलब्ध हैं।
आज यार्ड में घूमते हुये मुझे यह सन् 1879 की हाथ से चलने वाली दस टन की क्रेन दिखी। बहुत सुन्दर। अब निश्चय ही काम में नहीं आती होगी - यद्यपि अभी भी रेल की पटरी पर खड़ी थी।
उसपर उपलब्ध प्लेक के अनुसार वह Cowans Sheldon & Co Ltd द्वारा Carlisle, England में 1879 की बनी है। उसका नम्बर 1001 है।
[caption id="attachment_6035" align="aligncenter" width="584"] 10 Tonne Hand Crane at Tundla[/caption]
[caption id="attachment_6036" align="aligncenter" width="584"] The plaque on Hand Crane[/caption]
सुन्दर लग रही है यह दस टन की हाथ से चलने वाली क्रेन, नहीं? कई महत्वपूर्ण इमारतों के सामने रेलवे वाले नैरो गेज के इंजन लगाते हैं। आर्मी वाले टैंक और एयर फोर्स वाले फाइटर प्लेन। उसी तरह किसी इमारत के सामने यह क्रेन रखी जा सकती है - उसके सामने का अच्छा व्यू देने के लिये!
11 comments:
वाकई, वस्तुएँ पुरानी होने के बाद महत्वपूर्ण और संग्रहणीय हो जाती हैं ।
आपका अभिनन्दन. ऐसी चीजों पर तो हमारी आसक्ति वर्षों से रही है. मुझे लगता है कि जंग वंग निकालकर इसे पुनर्जीवित किया जा सकता है. चालु हालत में आने के बाद जैसा आपका सोचना है, प्रदर्शित किये जाने की व्यवस्था करवा सकें तो मैं आभारी रहूँगा.
रेलवे को धरोहरें संभाल कर रखनी होंगी.
बड़ी ही प्यारी लग रही है, टुंडला की गरिमा को ही बढ़ायेगी यह क्रेन..
ई पोस्ट तो आपका गजबे है !!
बहुत अच्छा लगा ! धन्यवाद !
I think you should have posted the photo of that crane... It is historical and present generation should see.
I was in Glasgow which gave best locomotive engines to Indian Railways. However they are not manufacturing any engines for railways say it loco, diesel or electrical.. However they have meuseum which shows locos, ships, cars etc. etc...
We, Indians, do show what our past was... You are trying to give past to present generation.
We, Indians, do not show what our past was… You are trying to give past to present generation. Keep it up....
बचपन से मिला दिया आपने.. टूंडला.. बस आपकी नज़रों से अपने बचपन को एक नज़र देख रहा हूँ!! कुछ कहना संभव नहीं..एक नॉस्टैल्जिक अनुभव!!
बहुत सुन्दर!
सचमुच में रखी जा सकती है किसी इमारत के सामने। दोनों की सुन्दरता बढेगी।
bahut acche kya baat hai kitni purani hai but aaj bhi chamak daar hai
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