किसी ने कछार में खेत की बाड़ बनाने में एक खोपड़ी लगा दी है। आदमजात खोपड़ी। समूची। लगता है, जिसकी है, उसका विधिवत दाह संस्कार नहीं हुआ है। कपाल क्रिया नहीं हुई। कपाल पर भंजन का कोई चिन्ह नहीं।
भयभीत करती है वह। भयोत्पादान के लिए ही प्रयोग किया गया है उसका।
कछार में घूमते हुये हर दूसरे तीसरे देख लेता हूँ उसे। जस की तस टंगी है उस बल्ली पर। कई चित्र लिए हैं उसके।
आपके लिये ये दो चित्र प्रस्तुत हैं-
20 comments:
मनुष्य जीवन भर प्रेत पिशाचों से डरता है और मृत्यु पश्चात खुद दूसरों को डराता है अजीब विडमबना है !!!!
खोपड़ी पर एक भी बाल नहीं ! किसी बूढ़े की लगती है.
awesome
खोपड़ी का पिछला हिस्सा देखने से, लगता है, कि यह जरूर कोई ब्लौगर रहा होगा भाई जी ...
डराती खोपड़ी..
खोपड़ी के बैकव्यू वाले चित्र के ठीक नीचे गैलेक्सी II वाला चित्र/विज्ञापन बहुत प्रासंगिक लग रहा है, बेस्ट बाई ऑफ़र :)
और अब टिप्पणी आप्रसंगिक लग रही है :)
मेरी भी ऐसी ही होगी - खोपड़ी... :)
सही कहा आपने।
It was ok to see the side profile but seeing it from back evoked strange feelings. It is lambdoid suture seen with all its vividity.
ऑफर का क्या, आता जाता रहता है। खोपड़ी परमानेण्ट है!
देख लिये। कुछ और लिखना था इस पर।
अजीब लोग हैं, मुझे पूरा यकीन है कि अज्ञात मानव के अस्थि-अवशेष के इस दुरुपयोग रोकने के लिए कोई न कोई कानून अवश्य होगा ...
:)
मोबाइल से लिखी है पोस्ट! इससे ज्यादा लिखने में जोर लगता! :-)
लाश का दाह संस्कार ना होकर दफना दिया गया होगा. इसीलियी खोपड़ी सबूत है.
लाश का दाह संस्कार ना होकर दफना दिया गया होगा. इसीलियी खोपड़ी साबूत है.
मोबाइल से लिखे तब ठीक है। चलेगी इत्ती लंबाई!
खोपड़ी पर पीछे सिलाई टाइप तो देखा, क्या मजबूत जो़ड़ है कुदरत का।
सीलाई के लिये अमिटो धागों का उपयोग किया गया है, (पोस्टमार्डम के बाद)
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