क्लाउट (Klout.com) सोशल मीडिया पर सक्रियता का एक सशक्त इण्डेक्स है। यह 2008 से इण्टरनेट पर लोगों की सक्रियता माप रहा है। इसकी वेब साइट के अनुसार यह आपकी एक्शन करा पाने की क्षमता का आकलन करता है। जब आप इण्टरनेट पर कुछ सृजित करते हैं तो सोशल नेटवर्क से उसके बारे में जानकारी एकत्र कर आपका प्रभाव जांचता है। यह यह जांचता है कि आप कितने लोगों को प्रभावित करते हैं (True Reach); आपका उनपर कितना प्रभाव पड़ता है (Amplification) और आपका सोशल मीडिया पर जो तंत्र बना है, वह कितना प्रभावी है (Network Impact)|
इण्टरनेट पर आपका प्रभाव जांचने के कुछ और भी इण्डेक्स हैं, पर क्लाउट उन सब में ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला लगता है।
इसका प्रयोग करने के लिये आपको क्लाउट पर अपने फेसबुक या ट्विटर आई.डी. से लॉग-इन करना होता है और नेट पर अपनी उपस्थिति के सूत्र - मसलन ब्लॉगर, वर्डप्रेस, यू-ट्यूब, फ्लिकर, गूगल+ आदि की आईडेण्टिटी बतानी होती है। उसके बाद यह नेट पर आपकी सामग्री सर्च कर आपकी सक्रियता का इण्डेक्स बताता है।
मुझे लगता था कि इण्टरनेट पर हिन्दी ब्लॉगर्स और कालांतर में फेसबुक पर हिन्दी वालों का अपना समूह तो है, पर दिग्गज प्रभुत्व तो अंगरेजी वालों का है। ट्विटर पर हिन्दी वाले मात्र अपना तम्बू बनाये हैं जिसपर मौलिक ट्वीट्स की बजाय अपनी ब्लॉग पोस्टों की सूचना भर देते हैं।
पर जब मैने क्लाउट पर अपने आप को रजिस्टर किया तो पाया कि एक सीमित नेटवर्क होने के बावजूद मेरा क्लाउट स्कोर कई दिग्गजों के समकक्ष या अधिक ही है। मसलन सुब्रह्मण्य़ स्वामी (क्लाउट स्कोर 71), बिबेक देबरॉय (56), न्यूयॉर्क टाइम्स के पॉल क्रूगमैन (65) और थॉमस फ्रीडमैन (68) की तुलना में मेरा वर्तमान क्लाउट स्कोर (65-68) अच्छा ही माना जायेगा।
अभी मैने पाया कि संजीत त्रिपाठी, गिरिजेश राव, प्राइमरी के मास्टर प्रवीण त्रिवेदी और विवेक रस्तोगी क्रमश 58, 66, 60 और 65 के स्कोर के साथ क्लॉउट पर सशक्त उपलब्धि रखते हैं। इन लोगों की फेसबुक पर उपस्थिति जब से क्लॉउट पर दर्ज हुई है, इनका क्लॉउट स्कोर 15-20 से दन्न से बढ़ कर 60 को छूने लगा।
कुल मिला कर हिन्दी वालों का नेटवर्क भले ही छोटा हो, उसकी प्रभावोत्पादकता का इण्डेक्स बहुत अच्छा है। यह मैने पाया है कि दिन भर ट्विटर-फेसबुक पर चफने रहने वाले अंगरेजी वाले मित्रों की तुलना में उनका क्लॉउट स्कोर कहीं ज्यादा है।
बेहतर होगा अगर हिन्दी वाले अपना तामझाम क्लॉउट पर दर्ज करायें और हिन्दी नेटवर्क को और पुष्ट करें!
26 comments:
आपने बहुत ही अच्छी जानकारी दी। खास कर हिन्दीवालों की स्थिति के बारे में। यह जानते हुए भी कि सूची में मेरा अता-पता कही नहीं होगा, मैं अपना पंजीयन यहॉं करने की कोशिश करूँगा - केवल इसलिए कि हिन्दीवालों की संख्या बढ सके।
कहां-कहां रजिस्टर करायें। पहले आपके यहां धक्काड़े से टिपियाते थे। अब कहता है wordpress का पासवर्ड बताओ। :)
वर्डप्रेस आपसे मौज ले रहा होगा, वर्ना मैने कोई सेटिंग नहीं बदली है टिप्पणी करने की! :)
हमको भी ४५% नंबर मिल गया.. घींचघांच के पास हो गए!!
हम तो क्लाउटविहीन सिद्ध हुये, न फेसबुक, न ट्विटर।
हमें तो शुरू से पता है कि अपना मूल्यांकन हमें खुद ही करना होगा. कभी-कभार आप जैसे सुधियों की भी सम्मति मिल जाती है.
हमें तो शुरूआती दिनों से भरोसा रहा है कि अपना मूल्यांकन या तो हम खुद कर सकते हैं या आप जैसे हमारे सुधिजन.
"कहां-कहां रजिस्टर करायें" वाली बात से सहमति है। जिन्हे बिना रजिस्ट्रेशन संज्ञान में लेना हो लें, बाकी तो अपनी रजिस्ट्रेशन संख्या बढाकर, अपने यूज़र्स को हाई रैंकिंग की गाज़र खिलाकर अपनी ही दुकान चला रहे हैं। मज़ेदार बात यह है कि हर ठगने वाला बेचारा अपने को कोई पुरस्कार पाया हुआ समझता है। और यह तकनीक बड़े व्यापारी ही नहीं हमारे बीच के कुछ छोटे दुकानदार भी धड़ल्ले से काम में ला रहे हैं। हम रजिस्ट्रेशन कराने वाले नहीं, फिर भी, आप सभी को बधाई देने का काम तो बनता है सो बढाई स्वीकारें!
घींच घांच के नहीं, नये शेर ने पहला शिकार किया तो बरसिंघा मारा! :-)
यह तो बाजार ही चतुराई और मूर्खता के सतत जद्दोजहद का है।
:)
हमारे नम्बर भी आपके साथ हैं!
वो कहानी शब्दश: साकार होती लगती है जिसमें साधू ने पहले सीधी साधी गाय पाली, फिर बिल्ली से दूध के बचाव के लिये कुत्ता पाला और फिर जप करम आगे भी इन्हीं सब बातों में लगा रहा :)
शायद कहानी कुछ उल्टा कह गया हूँ -
साधू ने चूहों से परेशान होकर पहले बिल्ली पाली, बिल्ली को दूध चाहिये था इसलिये गाय पाली, फिर फिर.....ऐसा ही कुछ था :)
एनीवे, जितना चाहा जाता है कि बस अब इसके बाद और कहीं रजिस्टर्ड नहीं करवाउंगा, बस और नहीं...उतना ही नये नये साईटें , तमाम तामा-झाम और आ ही जाता है जिसमें न चाहते हुए भी जुड़ना पड़ जाता है।
आगे जाकर यह जाल संजाल क्या गुल खिलाये भगवान जाने। वो भी भला क्यों जानेंगे, उन्हें भी तो भक्त नेट पर खेंच लाये हैं, रोज किसी न किसी का फेसबुक पर अपडेट मिलता है कि फलां बंदे को फलां भगवान का आशीर्वाद मिला है.....टन्न्न :)
क्या पता भगवान का भी अकाऊंट फेसबुक पर हो :)
हमने भी अपना स्कोर चेक कर ही लिया, ५४ निकला | अब ये अच्छा है की बुरा कौन जाने, कुछ नहीं तो गुड सेकेण्ड क्लास से तो पास हो ही जायेंगे :)
हम तो cloutless हैं जी।
न कोई फ़ेसबुक अकौंट, न कोई ट्विट्ट्र अकौंट् और ब्लॉगजगत में न कोई ठिकाना। हम अतिथी रहे हैं और लगता है अतिथी ही रहेंगे। टिप्पणीकारों को कौन पूछेगा?
बस केवल दो ईमेल accounts हैं, एक याहू का और एक जीमेल का जिनके सहारे कुछ याहू ग्रूप्स में सदस्यता दर्ज है और जिनमें कुछ साल पहले काफ़ी सक्रिय रहा था और आज भी कभी कभी कुछ लिख भेजता हूँ।
हम जैसों की क्या हस्ती?
जी विश्वनाथ
Klout score ZERO!
ऐशी अच्छी जानकारी लीखने के लीये बहुत-बहुत धन्यवाद
68 लम्बर लाये हैं.. हम तो फर्स्ट डिविजन से पास हो गए जी.. :-)
हां, मैने देखा कि कई हिन्दी वालों ने रजिस्टर कर लिया है और उनके स्कोर बहुत बढ़िया हैं। उनका समूह ज्यादा सुगठित है और आदान-प्रदान ज्यादा इण्टेंस।
45+ का स्कोर बहुत अच्छा माना जाना चाहिये।
क्लॉउट माइक्रोब्लॉगिंग को लगता है ब्लॉग की अपेक्षा ज्यादा अहमियत देता है। वह अगर सही हो जाये और ब्लॉगर, वर्डप्रेस आदि पर गतिविधि को पूरी तवज्जो मिले तब यह बेहतर इण्डेक्स बन सकेगा।
अच्छी जुगत
क्या करेंगे क्लाउट में शामिल होकर !
maine kaafi din pehle account banaya tha...aaj tak kuch nahin samajh mein aaya ki aakhir hai kya bala!
हम भी देखते हैं...या इलाही माज़रा क्या है!!
66 निकला.... :)
वाह! वण्डरफुल!
sir how to write a blog in hindi which site i have to use
You can use any blog service like wordpress.com or blogger.com. For writing in Hindi, you have to have Transliteration tool like Google Transliteration.
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