Monday, July 29, 2013

मन्दाकिनी नदी पर रोप-वे : अपडेट

शैलेश पाण्डेय ने मंदाकिनी नदी पर फाटा-रेलगांव के पास उत्तराखण्ड की त्रासदी के बाद एक रोप-वे का निर्माण किया था। उस समय यह मेक-शिफ्ट तरीके से बन पाया था। यद्यपि उसपर व्यक्ति आ जा सकते थे, पर एहतियाद के लिये उसका प्रयोग मात्र रिलीफ का सामान नदी पार कराने के लिये किया गया। या जुलाई के प्रारम्भ की बात है।

[caption id="attachment_7051" align="alignright" width="300"]फाटा के पास मन्दाकिनी पर शैलेश की टीम की माल ढुलाई के लिये बनाई रोप वे। फाटा के पास मन्दाकिनी पर शैलेश की टीम की माल ढुलाई के लिये बनाई रोप वे।[/caption]

वापस आने पर शैलेश और उनके मित्र स्थानीय प्रशासन, लोक सेवकों और सांसदों के सम्पर्क में रहे जिससे इस रोप वे की पुख्ता ग्राउटिंग के साथ इसका व्यापक ढुलाई में प्रयोग हो सके। बीच में वर्षा और खराब मौसम से कई बार हताशा की दशा आयी। कई बार स्थानीय प्रशासन की ढुलमुल दशा को कोसने का मन भी बना। पर अन्तत: स्थानीय लोगों के अपने इनीशियेटिव से दशा बदली और उसपर ७०-८० किलो का सामान एक फेरी में लाया ले जाने लगा।

अब आज मुझे बताया गया कि उस रोप वे से आदमी भी मान्दाकिनी के आर-पार जाने लगे हैं। आज तक डेढ़ सौ से अधिक लोग नदी पार कर चुके हैं रोप वे से।

यूं कहा जाये कि रोप वे Fully Functional हो गया है!

शैलेश, हर्ष और आलोक को बहुत बधाई!

इस विषय में शैलेश पाण्डेय का फ़ेसबुक पर अपडेट यहां पर है! वहां आप कुछ् और चित्र देख पायेंगे रोप-वे के। एक चित्र में तो एक महिला बैठ रही है रोप वे की ट्राली में, नदी पार करने के लिये!

[caption id="attachment_7067" align="aligncenter" width="584"]मंदाकिनी के रोप वे से नदी पार करते स्थानीय ग्रामीण। मंदाकिनी के रोप वे से नदी पार करते स्थानीय ग्रामीण।[/caption]

8 comments:

अनूप शुक्ल said...

वाह, बहुत बहुत बधाई शैलेश और उनकी टीम को।

Asha Joglekar said...

इसे कहते हैं हिम्मते मर्दां तो मददे खुदा ।

देवेन्द्र बेचैन आत्मा said...

वाह! सराहनीय..।

neeraj1950 said...

शैलेश जैसे युवा ही हिन्दुस्तान की तस्वीर को एक दिन बदल के रख देंगे। मेरा नमन है इस प्रतिभाशाली देश भक्त युवा को।

Smart Indian - अनुराग शर्मा said...

शैलेश, हर्ष और आलोक को हार्दिक बधाई और आपका बहुत-बहुत आभार इस जानकारी के लिए!

प्रवीण पाण्डेय said...

शैलेशजी जैसे युवा ही देश को संगठित रखने के लिये पुल का कार्य कर सकते हैं, शत शत साधुवाद।

MP Singh (@NotThatMP) said...

Sarahana karta hoon. Lage rahiye, jan seva, janardan seva mein. Sadhuvad!

santosh pandey said...

शैलेश, हर्ष और आलोक को साधुवाद। यही वास्तविक धर्म है और इसी में जीवन की सार्थकता है।